अनमोल वरदान
माता पिता का कर्ज
माता पिता हमारे लिये किसी वरदान से कम नहीं हैं । इसी
लिए देवता भी इस ममता का आनंद लेने के लिए धरती पर
आए। इसी पर्याय में गणेश जी ने भी माता पिता की परी-कर्मा पिता को आकाश और माता को धरती मान कर की।
एक माता अपनी संतान को नौ महीने कोख में रख कर पालती है अपनी संतान में संस्कार भरती है उसका पालन पोषण करती है।
एक पिता संतान का एक छत की तरह देखभाल करता है एक तवे की तरह जलकर आपको रोटी रूपी सुख देता आपकी लगभग हर इच्छा को पूरी करता है ।
अपने सारे सपने आपको बेहतर जिंदगी देने में लगा देते हैं।
इसी लिए कहा गया है हम माता पिता का का कर्ज नहीं चुका सकते ।

Sahi kaha
जवाब देंहटाएंGood think
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